नई पुस्तकें >> 108 यन्त्रमाला 108 यन्त्रमालायोगीराज यशपाल जी
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"योगिराज यशपाल 'भारती': अद्वितीय पराविज्ञान और यन्त्र विज्ञान की अमूल्य संग्रह"
योगीराज यशपाल ‘भारती’ ने जो पराविज्ञान की ज्वाला प्रज्जवलित की वह समस्त भारत से होती हुई विदेशों तक जाकर जनमानस को गुह्य विद्या का ज्ञान प्रदान कर रही है। नित्य नूतन विषय-वस्तु की सुरम्य सुगन्धि के साथ इनके द्वारा निःसृत ज्ञान अपने आप में एक अमूल्य निधि है। ज्ञान के सागर यशपाल जी के बारे में कह सकते हैं कि इनका सृजित साहित्य निर्मल व मीठे जल की तरह सेवनीय है।
आपने अध्ययन व अनुसंधान से जो अनुभव पाया उसे पुस्तकों के रूप में समाज को अर्पित करके सराहनीय कार्य किया है। परमात्मा की असीम कृपा से यशपाल जी की कृतियों एवं उनके अनुभवों से लाखों लोग लाभ उठा चुके हैं।
108 यन्त्रों का अनमोल संग्रह
तन्त्र व मन्त्र से सहज यन्त्र साधना है। यन्त्र साधना पर अनेकों पुस्तकें बाजार में हैं जो अत्यन्त जटिल भाषा में लिखी गई हैं, जिन्हें सामान्य पाठक आसानी से समझ भी नहीं पाता है।
यन्त्र साधना पर तन्त्र, मन्त्र और ज्योतिष के आपके जाने-पहचाने विद्वान लेखक श्री योगीराज यशपाल जी द्वारा रचित अनमोल पुस्तक यन्त्रमाला (108 यन्त्रों की माला) आपके समक्ष प्रस्तुत है जो कि आपको अपनी मनोकांक्षा पूर्ण करने का सरल मार्ग सुझायेगी। यह पुस्तक अद्भुत और व्यवहारिक यन्त्रों को अपने आप में समेटे हुए है जो कि सबके लिए कल्याणकारी है। पुस्तक पढ़कर अपनी इच्छाओं की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त करें।
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